Class 11 Biology Notes(जीव विज्ञान)
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Biology In Hindi
अगर हम विज्ञान की शाखाओं की बात करें तो विज्ञान की शाखाएं तीन होती हैं – भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) एवं जीवविज्ञान (Biology) | नाम से स्पष्ट है सभी प्रकार के जीवों के विषय में अध्ययन का विज्ञान जीव - विज्ञान कहलाता है | लेकिन यह उतना आसान नहीं जितनी इसकी आसान परिभाषा लगती है ! यह एक वृहद विषय है जिसकी अनेक शाखाएँ हैं |
“जीव” शब्द के बारे में जानने से पहले यह जानना ही आवश्यक है कि जीव की क्या परिभाषा है | अब पर्यावरण विज्ञान (Environmental Science) भी जीवविज्ञान का एक महत्वपूर्ण भाग बन गया है जिसका अध्ययन जीवविज्ञान के साथ वांछित है |
जीव की परिभाषा
जीवविज्ञान का अध्ययन करने से पहले यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि जीव क्या है ? कुछ महत्वपूर्ण ऐसे बिंदु हैं जोकि सजीवों (living things) के कुछ सुस्पष्ट लक्षण होते हैं जो उन्हें निर्जीवों (non -living things) से अलग करते हैं | ये लक्षण निम्नलिखित हैं :
1.वृद्धि (growth) : किसी भी जीवित जीव का पहला लक्षण यह है कि उसके आकार में वृद्धि होना | हालांकि सभी जीव वृद्धि करते हैं | जीवों की वृद्धि कोशिका विभाजन के द्वारा होती है | कोशिकाएं ही जीवों के जीवन की मूलभूत इकाई हैं और कोशिका विभाजन के द्वारा उनकी संख्या में वृद्धि से ही जीव की वृद्धि होती है अर्थात उसके आकार में परिवर्तन होता है| इसी प्रकार पौधों में यह वृद्धि जीवन पर्यंत कोशिका विभाजन के द्वारा चलती रहती है | जंतुओं के लिए वृद्धि की बात करें तो निश्चित उम्र सीमा तक ही होती है | हालांकि सूक्ष्म व एक -कोशिकीय जीव भी कोशिका विभाजन द्वारा ही वृद्धि करते हैं |
कोशिका का विभाजन ही एक ऐसी मूलभूत क्रिया है जो सभी सजीवों में वृद्धि अर्थात आकार में परिवर्तन होना या अन्य प्रकार की जैव – घटनाओं का कारण है |
कोशिकाओं एक निश्चित सीमा अवधि होती है जिसके बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो जाता है। कोशिकाओं का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नई कोशिकाओं का पुनः जन्म होता है।
हमारे शरीर में पाए जाने वाले बालों या नाखूनों की वृद्धि के माध्यम से इसे बड़ी ही सरलता से समझा जा सकता है |
हिमालय पर्वत की ऊंचाई निरंतर बढ़ना | यह वृद्धि एक भू-वैज्ञानिक प्रक्रिया का परिणाम है न कि कोशिका विभाजन का ।
2.प्रजनन (reproduction) : जीवों में 2 प्रकार की वृद्धि पायी जाती है-
1. उनके भार में वृद्धि या आकार में वृद्धि
2. उनकी संख्या में वृद्धि
जीवों में होने वाली संख्या में वृद्धि को ही इसे ही प्रजनन अथवा जनन कहते हैं | निर्जीव वस्तुओं की बात करें तो उनकी संख्या में स्वतः वृद्धि नहीं हो सकती क्योकि वे जनन नहीं कर सकते | बहुकोशिक जीवों में जनन का अर्थ अपनी संतति उत्पन्न करना है जिनकी संरचना,स्वाभाव आकृति व अभिलक्षण उनके माता पिता के सामान ही होते हैं | प्राकृतिक रूप से, प्रजनन की प्रक्रिया एक प्रजाति के अंदर ही संपन्न होती है | जनन 2 प्रकार का होता है:
क).लैंगिक जनन – लैंगिक जनन के लिए दो युग्मक की आवश्यकता पड़ती है। इसीलिए इसे लैंगिक जनन (Sexual reproduction) कहते है | लैंगिक जनन को संपन्न करने के लिए नर और मादा की आवश्यकता होती है तथा इसमें निषेचन की क्रिया आवश्यक होती है | यह एक जटिल प्रक्रिया है | लैंगिक जनन मनुष्यों में जनन का सर्वोत्तम उदाहारण है |
ख).अलैंगिक जनन – ऐसा जनन जिसमें जीवों में प्रजनन की क्रिया के लिए शुक्राणु का अंडाणु से मिलना अर्थात निषेचन अनिवार्य नहीं होता है उसे आनिषेक जनन या अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) कहते है |
जनन की यह प्रक्रिया सरल व तीव्र होती है | हमारे लिए कितनी रोचक बात यह हैं कि किस प्रकार कवक (fungus) लाखों अलैंगिक बीजाणुओं द्वारा गुणन करती है और सरलता से फैल जाती है -जैसे यीस्ट तथा हाइड्रा में मुकुलन (budding) द्वारा जनन होता है | अर्थात् एक खंडित जीव अपने शरीर के लुप्त अंग को पुनः प्राप्त कर लेता है और इस प्रकार एक नया जीव का सृजन हो जाता है |
3.उपापचयन (metabolism) : सभी जीव विभिन्न प्रकार के रसायनों से मिलकर बने होते हैं जिनका निर्माण एवं विघटन शरीर में लगातार चलता रहता है | इसी प्रक्रिया को उपापचय कहते हैं | उपापचयन के 3 मुख्य घटक हैं :
- भोजन में निहित ऊर्जा को उपरोक्त वर्णित रासायनिक ऊर्जा में स्थानांतरित करना ताकि शरीर में आवश्यक कोशिकीय प्रक्रियाएं संपन्न हो सकें ।
- शरीर में प्रोटीन आदि ‘रचनात्मक पदार्थों’ का संश्लेषण करना।
- शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन करना |
इस प्रकार उपापचयन अत्यंत जटिल प्रक्रिया है |
Note:- उपापचयन 2 प्रक्रियाओं का संयोजन होता है – 1.अपचय (catabolism) तथा 2.उपचय (anabolism) |
अपचय की प्रक्रिया में जटिल कार्बनिक पदार्थों का सरल कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थों में विघटन होता है | इससे उर्जा उत्पन्न होती है | उदाहारण के लिए कोशिकीय श्वसन से ऊर्जा का उत्पादन |
उपचय की प्रक्रिया में ऊर्जा का प्रयोग करके प्रोटीनों और नाभिकीय अम्लों जैसे कोशिकाओं के अंशों का संश्लेषण होता है | सभी जीवों में, चाहे वे बहु- कोशिक हो अथवा एक- कोशिक, अनेक उपापचयी क्रियाएं साथ-साथ अनवरत चलती रहती हैं | सभी पौधों, प्राणियों, कवकों तथा यहाँ तक कि सूक्ष्म जीवों में भी उपापचयी क्रियाएं होती हैं |
Note:-
हमारे शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियाएं उपापचयी क्रियाएं कहलाती हैं | क्योंकि इन रासायनिक क्रियाओं में या तो पदार्थों के संश्लेषण अथवा विघटन होता है | किसी भी निर्जीव में उपापचयी क्रियाएं नहीं पाई जाती |
4.गति (movement) : आमतौर पर बात करें तो सभी जीव गति करते हैं | इसके लिए उनके तरीके अलग अलग हो सकते हैं | वनस्पति (पेड़ -पौधे) इसके अपवाद हैं | हालाँकि उनमें भी भिन्न प्रकार की गति (movement) होती है | हम जानते हैं कि कुछ कीट- भक्षी पौधे (insectivorous plants) जैसे वीनस फ्लाईट्रैप, किस प्रकार ‘शिकार’ करते हैं | इसके लिए भी उनमें एक प्रकार की गति होती है |
5.संवेदनशीलता (sensitivity) : संवेदनशीलता जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह गुण होता है जिससे जीव अपने संवेदी अंगों द्वारा अपने पर्यावरण से जागरूक होते रहते हैं , उन्हें महसूस कर सकते हैं | संवेदी अंग जैसे - हाथ ,पैर ,आँख ,कान ,नाक ,त्वचा हैं | बहुत समय तक माना जाता रहा कि पौधों में संवेदनशीलता नहीं होती | लेकिन प्रसिद्द भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु ने पौधों में भी संवेदनशीलता होती है इसकी खोज की और यह सिद्ध किया कि पौधे भी प्रकाश, पानी, ताप, अन्य जीवों, प्रदूषकों आदि जैसे बाह्य कारकों के प्रति प्रतिक्रिया दिखाते हैं |
नीचे दिए गए Biology Notes प्रतियोगी परीक्षाओं पीडीएफ के लिए जीव विज्ञान नोट्स के सभी शीर्षक हाइपरलिंक हैं तथा इन्हें देखने के लिए क्लिक करें👇👇👇👇
What is cell and it's components (कोशिका क्या है और इसके घटक)
Cell(कोशिका)
Nervous System in Hindi(तंत्रिका तंत्र हिंदी में)
Nervous System(तंत्रिका तंत्र)
- मानव तंत्रिका तंत्र के प्रकार ( Types of Human Nervous System)
- Neuron (तंत्रिका तंत्र)
Parts of Neuron (तंत्रिका तंत्र के भाग)
- Cell Body or Cyton (कोशिकाकाय)
- Nissl's Granules(निसिल्स कण)
- Dendrites (द्रुमिका)
- Synaptic knobs ( सिनेप्टिक नाॅब्स)
- Axon ( तंत्रिकाक्ष)
Nerves (नस)
Types of Nerves- Sensory Nerves(संवेदी तंत्रिकायें)
- Motor Nerves ( मोटर तंत्रिकायें)
- Mixed Nerves (मिश्रित तंत्रिकाएं)
Central Nervous System
- Brain (दिमाग)
- Part of Human Brain( मानव मस्तिष्क के भाग )
- The forebrain (अग्र मस्तिष्क)
- The midbrain (मध्य मस्तिष्क)
- The hindbrain (पश्च मस्तिष्क)
Forebrain OR Prosencephalon (अग्र मस्तिष्क
अग्र मस्तिष्क के 3 भाग होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं -
- घ्राण पिंड
- प्रमस्तिष्क
- डाइएनसेफिलाॅन
डाइएनसेफिलाॅन
- एपीथैलमस (Epithalamus)
- सब थैलमस (Sub Thalamus)
- थैलमस (Thalamus)
- हाइपोथैलमस (Hypothalamus
Midbrain OR Mesencephalon(मध्य मस्तिष्क)
Hindbrain OR Rhombencephalon(पश्च मस्तिष्क)
Olfactory Lobes
- अग्र पिंड (Frontal Lobe)
- पैरिएटलपिंड (Parietal Lobe)
- ऑक्सीपिटल पिण्ड(Occipital Lobe)
- ताप पिण्ड (Temporal Lobe)
Cerebrum
Mid Brain
Spinal cord (मेरुदंड)
Human Circulatory System(मानव संचार प्रणाली)
Human Skeleton(मानव कंकाल)
Digestive System in Hindi(पाचन तंत्र हिंदी में)
Human Blood in Hindi(मानव रक्त हिंदी में)
Respiratory System in Hindi(श्वसन प्रणाली हिंदी में)
Genetics Meaning in Hindi(जेनेटिक्स क्या होता है)
Endocrine System(अंतःस्त्रावी प्रणाली)
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